Monday, July 4, 2011

एक बरसात कई मायने

एक बरसात कई मायने,                                            
किसी का दिल रोता तो,
किसी का उमड़ उमड़ कर गता.
कुछ मस्ती करने घर से निकालें,
किसी के सर पर छत नहीं रहा.
.कोई सड़क पर फैली,
कीच कीच से परेशान,
तो कई उमंग में नाच रहे.
रस्ते पर पड़ा अधनंगा भिखारी,
तेज हवाओं को झेल रहा.
कोई कॉफ़ी का कप हाथ में थामे,
अपने खिड़की के सामने खड़ा,
ठंडी बौछार का मजा ले रहा...
                                            -रवि कुमार

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