Aakhri Panna
Thursday, January 19, 2012
देखा है मैंने,
शब्दों को नन्हीं हाथो में जाते हुए.
दायें बायें, आगे पीछे,
मुड़ते हुए.
एक आकर लेते हुए.
हाँ देखा है मैंने,
शब्दों को पानी पे तैरते हुए...
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