ये मौसम ही कुछ ऐसा है
कहीं किसी का दिल टुटा है,
किसी ने दिल को तोडा है,
बिजली ने बादल को चिरा है,
हर लम्हा हर वक़्त-
कई बुँदे जमीं पर टपकी हैं,
ये मौसम ही कुछ ऐसा है,
जिसमे हर क्षण हर पल-
किसी ना किसी का दिल टुटा है.
अरमानो का दिया जला था,
तेज आँधियों में भी लहका था,
ठंडी बयार ने उसे बुझाया है.
धरती सागर एक हुए हैं,
आज अखो में इतना पानी है.
ये मौसम ही कुछ ऐसा है,
जिसमे हर क्षण हर पल-
किसी ना किसी का दिल टुटा है.
- "रवि कुमार"
- "रवि कुमार"
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